SEMINAR AND CONFERENCE Details
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सायन विज्ञान विभाग जी0एफ0 कालेज तथा उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में आज गाँधी फैज़-ए-आम कालेज, शाहजहाँपुर में “रीसेन्ट डेवलपमेन्ट इन नैसोसाइंस एण्ड ग्रीन केमेस्ट्री” विषय पर होने वाली दो दिवसीय नेशनल कांफ्रेस का भव्य शुभारंभ हुआ।
Posted by GF Collegeसायन विज्ञान विभाग जी0एफ0 कालेज तथा उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में आज गाँधी फैज़-ए-आम कालेज, शाहजहाँपुर में “रीसेन्ट डेवलपमेन्ट इन नैसोसाइंस एण्ड ग्रीन केमेस्ट्री” विषय पर होने वाली दो दिवसीय नेशनल कांफ्रेस का भव्य शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की शुरूआत कालेज के पूर्व प्राचार्य डा0 इशरत अल्ताफ के तिलावते-ए-कुरान पाक से हुआ। तत्पश्चात् कालेज के प्राचार्य प्रोफेसर जमील अहमद तथा कांफ्रेस के आयोजन सचिव डा0 नईमुद्दीन सिद्दीकी ने अतिथियों को बुके, स्मृति चिन्ह प्रदान कर तथा बैच लगाकर स्वागत किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कुलपति कानपुर विश्वविद्यालय प्रोफेसर नलिमा गुप्ता का स्वागत प्रोफेसर जमील अहमद तथा डा0 कहकशां बेगम ने किया। कांफ्रेस के मुख्य वक्ता प्रोफेसर आई0आर0 सिद्दीकी का स्वागत डा0 अबुल हसनात तथा डा0 शबाना साजिद ने किया। दूसरे वक्ता प्रोफेसर सुशील कुमार का स्वागत डा0 मोहसिन तथा डा0 अमील उस्मानी ने किया। प्राचार्य जमील अहमद का स्वागत डा0 मोहिमन तथा डा0 रियाज़ ने किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर नलिमा गुप्ता, प्राचार्य, आयोजन सचिव तथा अन्य अतिथियों द्वारा संगोष्ठी की स्मारिका तथा ई-स्मारिका का विमोचन किया गया। अपने स्वागत भाषण में प्राचार्य ने कहा कि आज समाज को ग्रीन केमेस्ट्री की बहुत आवश्यकता है बढ़ते वायु एवं जल प्रदूषण से पर्यावरण संतुलन के लिए संकट बढ़ा है। नयी तकनीक तथा ग्रीन केमेस्ट्री के विकास से इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
मुख्य अतिथि छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर की कुलपति प्रोफेसर नलिमा गुप्ता ने संगोष्ठी के विषय को आज की आवश्यकता बताते हुए कहा कि नैनो का अर्थ एक मीटर का एक अरबवां हिस्सा है। चीज़ो को सुलभ और आसानी से सूक्ष्म करके और उनमें वही गुण संजोएँ रखा जाये तो यही तकनीक नैनो टेक्नोलाजी कहलाती है, तथा ग्रीन केमेस्ट्री का अर्थ प्रदूषण मुक्त वातारण एवं विषैले रसायन से मुक्ति है।
इसके पश्चात् तकनीकी सत्र में प्रोफेसर आई0आर0 सिद्दीकी ने ग्रीन केमेस्ट्री को विस्तार से समझाया। उनके अनुसार यह एंटी एच0आई0वी0 तथा एंटी वेक्ट्रिया से युक्त दवाइयों के निर्माण में सहायक है।
संगोष्ठी के दूसरे प्रवक्ता प्रोफेसर सुशील कुमार ने नैनोसांइस तथा नैनोटेक्नालाजी क्या है? इस विषय पर अपना विख्यान प्रस्तुत किया। उनके अनुसार नैनो स्केल पर सांइस को नैनोसांइस कहते है तथा इसके अन्तर्गत एक मिमी0 से सौ मिमी0 छोटे तत्वों को अध्ययन किया जाता है। यह तकनीक भौतिक, रसायन, जन्तु विज्ञान इंजीनियरिंग कम्पयूटर सांइस व मेडिकल सांइस में प्रयुक्त होती है।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र के समापन पर आयोजन सचिव डा0 नईमुद्दीन सिद्दीकी ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डा0 मोहसिन हसन खाँ द्वारा किया गया।
दूसरा तकनीकी सत्र तीन अलग-अलग स्थानों पर आयोजित किये गए इस सत्र में बीस शोधपत्र प्रस्तुत किये गये साथ ही कुछ रिसर्ज पेपर पोस्टर के रूप में लगाये गये। इस सत्र का संचालन डा0 कहकशां बेगम, डा0 शबाना साजिद, डा0 आमिल उसमानी एवं डा0 अबुल हसनात ने किया।
इस अवसर पर देश प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आये हुए प्रतिनिधियों सहित कालेज का समस्त स्टाफ मौजूद रहा।
भवदीय
(प्रोफेसर जमील अहमद)
प्राचार्य
गाँधी फैज़-ए-आम कालेज,
शाहजहाँपुर।