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गांधी फ़ैज़-ए-आम काॅलेज में आज अर्थशास्त्र विभाग के इकाॅनामिक एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित व्याख्यान माला के अंतर्गत डाॅ0 अब्दुल वहाब ने ‘बाज़ार संरचना तथा क़ीमत निर्धारण’ विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।
Posted by GF Collegeदिनांक: 26 नवंबर 2018
गांधी फ़ैज़-ए-आम काॅलेज में आज अर्थशास्त्र विभाग के इकाॅनामिक एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित व्याख्यान माला के अंतर्गत डाॅ0 अब्दुल वहाब ने ‘बाज़ार संरचना तथा क़ीमत निर्धारण’ विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।
डाॅ0 अब्ुदल वहाब ने कहा कि परंपरावादी अर्थशास्त्री केवल दो ही वैकल्पिक बाज़ारों, पूर्ण प्रतियोगिता तथा एकाधिकार, के अंतर्गत क़ीमत निर्धारण की बात करते थे, किंतु तीसा की महामंदी के दौरान इस धारण में परिवर्तन हुआ। अधिकांश आर्थिक दशाओं को इन दोनों बाज़ारों का मिश्रण कहा जाने लगा जो वास्तविकता के अधिक निकट है। बीसवीं शताब्दी के मध्य तक इस विचारधार में क्रांतिकारी परिवर्तन आया। वर्तमान आर्थिक दशाएँ इतनी जटिल और उलझी हुई हैं कि उनका समाधान मूल अर्थिक सिद्धांतों से संभव नहीं है। इसीलिए अर्थशास्त्र में गणित का प्रयोग बढ़ गया है ताकि इन जटिल दशाओं का विश्लेषण सरलतापूर्वक किया जा सके।
प्राचार्य डाॅ0 जमील अहमद ने कहा कि आर्थिक नीतियाँ किसी देश के विकास में अपनी अहम भूमिका निभाती हैं। इसलिए अर्थशास्त्र का अध्ध्ययन बेहद ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया ही अर्थशास्त्र के इर्द-गिर्द चक्कर लगा रही है।
अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष डाॅ0 अब्दुल मोमिन ने आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 कामरान हुसैन खां ने किया। डाॅ0 मो. तारिक तथा डाॅ0 निशांत गुप्ता का विशेष योगदान रहा।
इस अवसर पर, डाॅ0 एन.यू. खां, डाॅ0 एन.यू. सिद्दीक़ी, डाॅ0 मो. नोमान, डाॅ0 फ़ैयाज़ अहमद, डाॅ0 जी.ए. क़ादरी, डाॅ0 सुहेल अख़्तर नक़वी, डाॅ0 मुशर्रफ अली, डाॅ0 रहबर अली, डाॅ0 पुनीत मनीषी, अनमोल सक्सेना, अभिनव गुप्ता सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ मौजूद रहे।प्राचार्य
(डाॅ0 जमील अहमद)
गांधी फ़ैज़-ए-आम काॅलेज, शाहजहांपुर